शास्त्रीय एवं क्रिया प्रसूत अनुबंधन में अंतर, Difference between Classical Conditioning Theory operant conditioning

 

शास्त्रीय एवं क्रिया प्रसूत अनुबंधन में अंतर

( 1 ) मनोवैज्ञानिक आधार पर-

- शास्त्रीय अनुबंधन पावलव द्वारा विकसित अनुबंध अनुक्रिया सिद्धांत है जिसे बिना पुनर्बलन के रूप में जाना जाता है। इसे शास्त्रीय अनुबंधन कहा जाता है

- क्रिया प्रसूत अनुबंधन स्किनर द्वारा विकसित अनुबंध अनुक्रिया सिद्धांत जो पुनर्बलन के साथ जाना जाता है। इसे क्रिया प्रसूत अनुबंधन कहा जाता है

( 2 ) उद्दीपन का उद्दीपन-अनुक्रिया से साहचर्य के आधार पर-

- शास्त्रीय अनुबंधन के विषय में श्लासवर्ग का कहना है कि इसमें उद्दीपन-उद्दीपन के मध्य साहचर्य स्थापित होता है। इस प्रकार शास्त्रीय अनुबंधन उद्दीपन प्रकार का अनुबंधन है।

- क्रिया प्रसूत अनुबंधन में साहचर्य उद्दीपन अनुक्रिया के मध्य स्थापित होता है। अतः क्रिया प्रसूत अनुबंधन को अनुक्रिया प्रकार का अनुमोदन कहा जा सकता है

 

( 3 ) प्रतिवर्त क्रिया/ स्व॒तःस्फूर्त क्रिया के आधार पर-

-शास्त्रीय अनुबंधन में स्वाभाविक अनुक्रिया का स्वाभाविक उद्दीपक ( USC) के साथ घटना एक प्रतिवर्त क्रिया है

-  क्रिया प्रसूत अनुबंधन में अनुक्रिया एक स्फूर्त क्रिया है।     स्पेन्स औररॉस   के अनुसार लार गिरना एक प्रतिवर्त क्रिया है। पलक मारने की क्रिया स्फूर्त क्रिया है

 

( 4 ) अनुक्रिया पर आधारित पुनर्बलन के आधार पर-

- शास्त्रीय अनुबंध सिद्धांत में पुनर्बलन अनुक्रिया पर निर्भर नहीं  करता है।

- क्रिया प्रसूत सिद्धांत मैं पुनर्बलन अनुक्रिया पर निर्भर करता है। इसमें अनुक्रिया और पुनर्बलन में धनात्मक संबंध होता है

 

( 5 ) समय अवधि के आधार पर-

- शास्त्रीय अनुबंधन में समयावधि के नियंत्रण पर जोर दिया जाता है अर्थात इसमें अस्वाभाविक उद्दीपक CS तथा स्वाभाविक उद्दीपक  UCS में जितना कम समय का अंतराल होगा उन दोनों में उतनी ही  शीघ्रता से साहचर्य स्थापित होगा | साहचर्य का आधार समीपता है।

- क्रिया प्रसूत अनुबंधन में प्रेरणा एवं पुरस्कार के महत्व पर बल दिया जाता है। इस सिद्धांत में अस्वाभाविक उद्दीपक तथा स्वाभाविक  उद्दीपक के मध्य साहचर्य पुनर्बलन  के आधार पर स्थापित होता है अर्थात इसमें साहचर्य पुनर्बलन के आधार पर स्थापित होता है।

 

( 6 ) एक उद्दीपन अनुक्रिया/अनुक्रिया की श्रंखला के आधार पर-

- शास्त्रीय अनुबंधन केवल एक उद्दीपन अनुक्रिया संबंध को विकसित करता है।

- क्रिया प्रसूत अनुबंधन का संबंध अनुक्रियाओं की श्रंखला से होता है तभी लक्ष्य की प्राप्ति होती है।

( 7 ) जीव वातावरण पर नियंत्रण के आधार पर-

- शास्त्रीय अनुबंधन में प्रयोगकर्ता जीव और वातावरण दोनों को नियंत्रण में रखता है।

-  क्रिया प्रसूत अनुबंधन में प्रयोगकर्ता का नियंत्रण केवल वातावरण पर रहता है। जीव पर उसका नियंत्रण नहीं होता है।

 

( 8 ) समीपता/प्रभाव का नियम के आधार पर-

- शास्त्रीय अनुबंधन में उद्दीपन अनुक्रिया के मध्य साहचर्य समीपता के नियम के आधार पर होता है।

- क्रिया प्रसृत अनुबंधन में उद्दीपन अनुक्रिया के मध्य साहचर्य प्रभाव के नियम के आधार पर होता है।

( 9 ) प्रतिकृत/ क्रिया प्रसूत व्यवहार के आधार पर-

- मैडनिक के अनुसार शास्त्रीय अनुबंधन से संबंधित व्यवहार प्रतिकृत प्रकार का व्यवहार है जो सहज क्रियात्मक होता है और अनुक्रिया के नियंत्रण में होता है।

- क्रिया प्रसृत अनुबंधन से संबंधित व्यवहार क्रिया प्रसूत प्रकार का व्यवहार है जो ऐच्छिक होता है।

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